मर्दाना कमजोरी

मर्दाना कमजोरी एक बहुत ही आम बीमारी है जो एक खास उम्र के बाद अक्सर मर्दों को हो जाती है जैसे
"शीघ्रपतन, धात रोग, स्वप्नदोष, नपुंसकता, शुक्राणुओं की कमी आदि रोग इसमें आते हैं "
इस बीमारी की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि मरीज किसी से शर्म के मारे यह कह नहीं पाता कि वह मर्दाना कमजोरी की वजह से परेशान है और अक्सर मरीज इसी वजह से मर्दाना कमजोरी का सही तरह से इलाज नहीं करा पाते हैं और वह लोग इंटरनेट पर मर्दाना कमजोरी का इलाज ढूंढना शुरू कर देते हैं
खासतौर से घरेलू नुस्खे और खुश कुछ खास तरह की दवाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं जिसकी जिससे अक्सर मरीज की बीमारी घटने के बजाय और बढ़ना शुरू हो जाती है
अक्सर मरीज मरीजों के साथ ऐसा क्यों होता है इसे हम आगे बताएंगे
"शीघ्रपतन, धात रोग, स्वप्नदोष, नपुंसकता, शुक्राणुओं की कमी आदि रोग इसमें आते हैं "
इस बीमारी की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि मरीज किसी से शर्म के मारे यह कह नहीं पाता कि वह मर्दाना कमजोरी की वजह से परेशान है और अक्सर मरीज इसी वजह से मर्दाना कमजोरी का सही तरह से इलाज नहीं करा पाते हैं और वह लोग इंटरनेट पर मर्दाना कमजोरी का इलाज ढूंढना शुरू कर देते हैं
खासतौर से घरेलू नुस्खे और खुश कुछ खास तरह की दवाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं जिसकी जिससे अक्सर मरीज की बीमारी घटने के बजाय और बढ़ना शुरू हो जाती है
अक्सर मरीज मरीजों के साथ ऐसा क्यों होता है इसे हम आगे बताएंगे
मर्दाना कमजोरी की वजह (कारण)
मर्दाना कमजोरी होने की बहुत ढेर सारे कारण है उनमें से कुछ वजह यह भी है
- हस्तमैथुन (haind praiktis )
- पेट का खराब होना Stomach problem
- धात रोग
- अत्यधिक नाइटफॉल
- कैपेसिटी से ज्यादा वीर्य का जिस्म से बाहर निकलना
- कैपेसिटी से ज्यादा सेक्स कर लेना
- खट्टी चीजों का इस्तेमाल करना
- बाहर का तला भुना खाना (Junk food)
- सेक्स हॉर्मोन्स की कमी (Sex hormones)
- मिलावटी एवं केमिकल युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल
- इंद्रियों में चोट लग जाना,
- उत्तेजक दवाओं का इस्तेमाल करना
- दवाओं के रिएक्शन
मर्दाना कमजोरी का घरेलू इलाज
आज कल हर आदमी हर रोज किसी ना किसी तरह से नुकसानदेह केमिकल बॉडी के अंदर ले रहा है या इंजेक्ट कर रहा है पानी से सब्जियों से फल से या मीट मछली से।
आजकल हर चीज में मिलावटी सामान खा रहा
और उसी मिलावटी खाने की वजह से अपने अंदर स्लो पॉइजन यानी (धीरा जहर) अपने अंदर ले रहा है।
जिसकी वजह से कम डोज़ की दवाई यानी कम पावर की दवाई बहुत ही कम लोगों को फायदा पहुंचा पाती हैं।
ज्यादातर घरेलू नुस्खों का पावर कम होता है जिसकी वजह से मरीज को फायदा नहीं हो पाता और मरीज यह सोचता है कि दवा फायदा नहीं कर रही है जबकि उल्टा आपके जिस्म की रिक्वायरमेंट है हैवी डोज की है यही वजह है कि अक्सर घरेलू नुस्खों से बहुत ही कम लोगों को फायदा देखने को मिलता है।
मर्दाना कमजोरी में अक्सर दवाएं काम क्यों नहीं करते हैं
हर इंसान के जिस्म की तासीर अलग-अलग होती है इसे आसान भाषा में कहा जाए तो एक ही दवा अलग-अलग इंसान के जिस्म में अलग अलग तरीके से काम करती है।
उदाहरण के तौर पर बुखार और खांसी जैसी छोटी बीमारी में आपके घर ही में अलग-अलग लोगों को अलग-अलग दवाई सूट करती होगी।
यह जरूरी नहीं हर इंसान को एक ही दवा फायदा मिले किसी को कोई दवा से फायदा मिलता है किसी को दूसरी दवा से।
हकीम या डॉक्टर का हुनर मरीज के मर्ज़ (बीमारी) की तासीर को पहचान कर उसे सही दवा देने का है क्योंकि जब तक सही दवा सही आदमी को नहीं दी जाएगी तब तक उसे फायदा नहीं होगा।
उल्टा नुकसान यानी साइड इफेक्ट हो जाएगा जिससे मरीज की परेशानी और बढ़ भी सकती है।

